प्रदेश के नेता के रूप में शपथ लेकर,
उन्होंने कहा,
मैं एक सीधा-सच्चा आदमी हूँ,
उनका पहला आदेश था,
पिछले मुख्यमंत्री के खिलाफ,
चार्जशीट दाखिल करवाना.
लोहे को लोहा काटता है,
इस कहावत को चरितार्थ किया,
उनकी सरकार ने,
बीड़ा उठाया है उन्होंने,
भ्रष्टाचार ख़त्म करने का,
भ्रष्टाचारियों को मंत्री बना कर.
'सेकुलरिज्म' की तरह,
खो बैठा है अर्थ आज,
'जनादेश' भी.
जरूरत है एक राजनीतिक दुभाषिये की,
विचारों के आदान-प्रदान के लिए,
जनता और उसके प्रतिनिधियों के बीच.
लोक सभा चुनाव के बाद,
डाकुओं पर बनी एक फिल्म में,
डायलाग बदल दिया उन्होंने,
'तुम जिस रास्ते पर जा रहे हो,
वह पुलिस स्टेशन जाता है,
या फिर शम्शान,
या फिर लोक सभा'.
एक दलित महिला पर हुआ,
अमानवीय अत्याचार,
पर चुप रही दलित सरकार,
मेरे एक मित्र ने कहा,
शायद महिला के दलित होने की,
खबर झूटी थी.
7 comments:
बेहतरीन रचना है ये आपकी...हा हा हा हा हा ही ही ही ही ही ही. हो हो हो हो हो हो हो हो
आपको होली की शुभकामनाएं.
नीरज
आपको परिवार सहित होली के पर्व की शुभकामनायें. ईश्वर आपके जीवन में उल्लास और मनचाहे रंग भरें.
होली की ढेर सारी शुभकामनायें.....
बहुत सुंदर ... होली की ढेरो शुभकामनाएं।
आपको तथा आपके पुरे परिवार को मेरे तरफ से रंगीन होली की ढेरो बधईयाँ और शुभकामनाएं..
Regards
नताओं का क्या ? जो कहते वो क्यों करें? होली की बधाई
अब क्या कहा जाये? स्थिति बड़ी भयावह होती जा रही है.
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