आजादी के बाद,
हुआ बहुत बुरा व्यवहार,
राज परिवारों के साथ,
छीन कर उनके राज्य पकडा दिए प्रिवीपर्स,
फिर छीन लिए यह प्रिवीपर्स भी,
खड़ा कर दिया उन्हें,
उनकी प्रजा के साथ,
और यह छीनने वाले,
स्वयं बना कर नए राज परिवार,
जा बैठे गगनचुम्बी अट्टालिकाओं में,
प्रजा से दूर, बहुत दूर,
प्रजा द्वारा, प्रजा के लिए,
बना कर एक नया प्रजातंत्र.
2 comments:
बजा फरमाया.
ऐस क्या प्रजातंत्र जहाँ बराबरी का हक़ ना हो! कहीं आरक्षण तो कहीं कोटा हो!
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