दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो


दैनिक प्रार्थना

है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.

Friday, 6 March 2009

नया प्रजातंत्र

आजादी के बाद,
हुआ बहुत बुरा व्यवहार,
राज परिवारों के साथ,
छीन कर उनके राज्य पकडा दिए प्रिवीपर्स,
फिर छीन लिए यह प्रिवीपर्स भी, 
खड़ा कर दिया उन्हें, 
उनकी प्रजा के साथ,
और यह छीनने वाले, 
स्वयं बना कर नए राज परिवार,
जा बैठे गगनचुम्बी अट्टालिकाओं में,
प्रजा से दूर, बहुत दूर,
प्रजा द्वारा, प्रजा के लिए,
बना कर एक नया प्रजातंत्र. 

2 comments:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

बजा फरमाया.

Anonymous said...

ऐस क्या प्रजातंत्र जहाँ बराबरी का हक़ ना हो! कहीं आरक्षण तो कहीं कोटा हो!