tag:blogger.com,1999:blog-1619582548109586404.post8861195479433375425..comments2023-06-18T17:08:37.166+05:30Comments on काव्य-कुञ्ज: दूसरों से अलग राय रखना ओबसीन नहीं है !!!Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/10037139497461799634noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-1619582548109586404.post-49489973120643289602009-02-09T19:00:00.000+05:302009-02-09T19:00:00.000+05:30हिंसा को मैंने पहले ही अनुचित कहा है द्विवेदी जी. ...हिंसा को मैंने पहले ही अनुचित कहा है द्विवेदी जी. कोई भी विरोध शालीनता से किया जाना चाहिए. जिस प्रकार पब कल्चर का हिंसक विरोध किया गया और जिस प्रकार इस विरोध का विरोध किया जा रहा है, दोनों ओबसीन हैं.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10037139497461799634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1619582548109586404.post-20898737846108152182009-02-09T17:46:00.000+05:302009-02-09T17:46:00.000+05:30विरोध करना तो उचित है पर तरीका वह तो वाकई ओबसीन नह...विरोध करना तो उचित है पर तरीका वह तो वाकई ओबसीन नहीं है क्या? फिर उन में और विरोध करने वालों में फर्क क्या है। मैं तो समझता हूँ कि दोनों एक जैसे हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1619582548109586404.post-49001184904038433092009-02-09T11:20:00.000+05:302009-02-09T11:20:00.000+05:30माननीय सुरेश जी और शास्त्री जी ने मेरी भावनाओं को ...माननीय सुरेश जी और शास्त्री जी ने मेरी भावनाओं को पहले ही लिख दिया है.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1619582548109586404.post-55745290507290717912009-02-09T10:55:00.000+05:302009-02-09T10:55:00.000+05:30"में यह मानता हूँ कि सबको अपने तरीके से सोचने का अ..."में यह मानता हूँ कि सबको अपने तरीके से सोचने का अधिकार है, पर उन सबको यह मानना चाहिए कि दूसरों को भी यह अधिकार है"<BR/><BR/>सोचने, बोलने, करने की आजादी हरेक को है, लेकिन जब यह आजादी सामाजिक मर्यादाओं को तोडती हैं तो वह आजादी नहीं बल्कि अराजकत्व है, जिसका विरोध होना जरूरी है.<BR/><BR/>लिखते रहें!!<BR/><BR/>सस्नेह -- शास्त्रीShastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1619582548109586404.post-65809140479527397292009-02-09T10:27:00.000+05:302009-02-09T10:27:00.000+05:30पूरी तरह से सहमत, और मंगलोर घटना को "ओबसीन" लिखना ...पूरी तरह से सहमत, और मंगलोर घटना को "ओबसीन" लिखना भी एक ओबसीन है… :)Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.com